Wednesday 16 August 2017

Happy independence day

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दूरदर्शन पर पिंक मूवी दे रहा था जिसे देख कर मेरे मन में कुछ विचार है जो मैं आप लोगों के साथ साझा करना चाहता हूं.
आज के समाज में (जिसे हम विकसित समाज का दर्जा देने के लिए बहुत उत्सुक रहते हैं) इसमें लड़के ही पूर्ण स्वतंत्र है लड़कियां आज भी नाम मात्र स्वतंत्र हैं क्योंकि हमारे समाज की सोच आज भी रुढ़िवादी है देश की आधी आबादी (महिलाएं ) आज भी अपने शौक,सपने,लक्ष्य को चुनने में डरती हैं.शहरों में तो लड़कियां आजाद नाम मात्र हैं गांव का तो बात ही क्या करना है जहां देश की 70% आबादी निवास करती है.और अगर कोई लड़की हिम्मत दिखाती है और वह सारे काम करने लगती है जो उसके हक का है तो उसे चरित्रहीन,बदतमीज और भी कई सारे नाम है जिन्हें पब्लिकली लेना उचित नहीं समझता, उसके नाम के साथ जुड़ जाते हैं.अमिताभ बच्चन पिंक मूवी में कुछ रूल बताएं हैं जो आज के समाज के अनुसार अगर वह लड़कियां करती हैं तो लड़की बहुत अच्छी अगर ऐसा नहीं करती हैं तो उन से खराब कोई भी नहीं...वह रूल्स ये हैं
1. किसी भी लड़की को किसी लड़के से हंस-हंसकर या उसे टच कर के बात नहीं करनी चाहिए क्योंकि इसे लड़के सिग्नल समझने लगते हैं.
2. घड़ी की सुई लड़की का कैरेक्टर बताता है.
3. किसी भी लड़की को किसी भी लड़के के साथ कभी अकेला नहीं जाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने पर वहां के लोग ऐसा सोच लेते हैं. कि वह लड़की वहां पर willingly आई है. और उन्हें उसे टच करने का लाइसेंस issue कर दिया गया है.
4. शराब को यहां गलत कैरेक्टर की निशानी समझा जाता है सिर्फ लड़कियों के लिए. लड़कों के लिए तो यह सिर्फ एक हेल्थ hazard है..
5. जो लड़किया पार्टी में जाती है ड्रिंक करती हैं वह पुश्तैनी हक बन जाती हैं आपका.
अब ऐसे में Happy independence day, 15 August को लिखने से काम नहीं बनेगा. जितना सम्मान भारत के झंडे का हम सभी करते हैं उसका एक परसेंट भी अगर हम महिलाओं के हक के लिए उनका सम्मान करें तो बहुत है.

मैं कह सकता हूं कि यह पुरुषों की पूर्ण स्वतंत्रता दिवस है पर महिलाओं की अभी शुरुआत ही हो रही है कई आंदोलन अभी बाकी है.
और अंत में मैं बताना चाहता हूं कि पिंक मूवी मैं पूरा नहीं देख पाया क्योंकि लाइट चली गई. विश्व महिला दिवस का इंतजार रहेगा क्योंकि मुझे लगता है उस दिन यह मूवी फिर से आएगा.
जय हिंद...
Nishant jha